अधिगम अशक्तता – धाराप्रवाह पढ़ने (डिस्लैक्सिया) में कमी है।
गणित विकार / निर्योग्यता – डिस्कैलकुलिया होता है।
गतिक कौशल – डिस्प्रेक्सिया / अप्रैक्सिया होता है।
पठन-अक्षमता – डिस्लैक्सिया होता है।
लेखन-अक्षमता – डिस्ग्राफिया होता है।
अवधान कमी अतिसक्रियता व्यतिक्रम(ADHD) – आसानी से विचलित होने की आदत है।
यहाँ याद रखें ये सभी नाम अंग्रेजी में लिखे विकल्प में देखें तथा प्रश्न में गणित, पठन आदि देखें।
एक स्वैर चिंतन (आत्मविमोह) वाले छात्र जो आयोजित सत्र की सामूहिक क्रियाकलापों को करने में कठिनाई का सामना कर रहा है, की सहायता करने के लिए बच्चे को विशिष्ठ स्कूल में भेजना समावेशी दृष्टिकोण के अनुरूप नहीं है। समावेशी शिक्षा वह विचारधारा है जिसमें सभी बच्चों को एक नियमित विद्यालय व्यवस्था में समान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हो।
स्वलीनता (ऑटिज़्म)– मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला विकार है जो व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और संपर्क को प्रभावित करता है। हिन्दी में इसे ‘आत्मविमोह’ और ‘स्वपरायणता’ भी कहते हैं। इससे प्रभावित व्यक्ति, सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है जैसे एक ही काम को बार-बार दोहराना। यह सब बच्चे के तीन साल होने से पहले ही शुरु हो जाता है। इन लक्षणों का समुच्चय (सेट) आत्मविमोह को हल्के (कम प्रभावी) आत्मविमोह स्पेक्ट्रम विकार (ASD) से अलग करता है, जैसे एस्पर्जर सिंड्रोम। ऑटिज़्म एक मानसिक रोग है जिसके लक्षण जन्म से ही या बाल्यावस्था से नज़र आने लगतें हैं। जिन बच्चो में यह रोग होता है उनका विकास अन्य बच्चो की अपेक्षा असामान्य होता है। आत्मविमोह का एक मजबूत आनुवंशिक आधार होता है, हालांकि आत्मविमोह की आनुवंशिकी जटिल है और यह स्पष्ट नहीं है कि ASD का कारण बहुजीन संवाद (multigene interactions) है या दुर्लभ उत्परिवर्तन (म्यूटेशन)। दुर्लभ मामलों में, आत्मविमोह को उन कारकों से भी जोडा गया है जो जन्म संबंधी दोषों के लिये उत्तरदायी है।