निर्देश (प्रश्न सं० 96 से 100 तक) : निम्नलिखित अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के लिए (A), (B), (C), (D) और (E) में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
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पुराणों में देखा गया है कि तप देवता करते हैं और राक्षस भी। जिस किसी को कुछ भी सिद्धि प्राप्त करनी है, तप किए बिना कोई चारा नहीं। इसमें उसकी नीयत अगर सात्विक रही, तो उसका और दुनिया का भला होता है। अगर उसकी नीयत बुरी रही, तो वह सारी दुनिया का नाश भी कर सकता है। मनुष्य ने ऐटम बम, हाइड्रोजन बम जैसे अस्त्र तैयार किए। यह सब मनुष्य की तपस्या का ही फल है। इस आसुरी तपस्या से दुनिया का तो नुकसान होता ही है, लेकिन ऐसी तपस्या करने वाला स्वयं आत्मनाश की तैयारी करता है।
96. ‘कोई चारा नहीं’ से तात्पर्य है(A) कई रास्ते होना
(B) दूसरा रास्ता न होना
(C) सही रास्ता होना
(D) उपर्युक्त में से एक से अधिक
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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उत्तर: (B) दूसरा रास्ता न होना
कारण: ‘कोई चारा नहीं’ का अर्थ है कोई अन्य विकल्प या रास्ता न होना। विकल्प (A) और (C) गलत हैं क्योंकि वे विपरीत अर्थ दर्शाते हैं। विकल्प (D) गलत है क्योंकि केवल (B) सही है। विकल्प (E) गलत है क्योंकि (B) सही है।
कारण: ‘कोई चारा नहीं’ का अर्थ है कोई अन्य विकल्प या रास्ता न होना। विकल्प (A) और (C) गलत हैं क्योंकि वे विपरीत अर्थ दर्शाते हैं। विकल्प (D) गलत है क्योंकि केवल (B) सही है। विकल्प (E) गलत है क्योंकि (B) सही है।