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जब संवेदनाएँ ही नहीं रहेंगी
तो संवेदनाएँ लिखने वाले कवि भी
लुप्त हो जाएँगे
डायनासोर की तरह ही
यह मेरा अपना लालच है
जिसे सोचकर
मैं दरवाजा खोलता हूँ और
संवेदनाओं को अंदर ले लेता हूँ।
किसी से कहना मत दोस्तों
मैं समृद्ध हो गया हूँ
इन संवेदनाओं के साथ
दुःख बस एक बात का है
मेरे यहाँ आने से पहले
वो कुछ और घर भी गए थे
उन्होंने कुछ दरवाज़े और खटखटाए थे
लेकिन :
लेकिन। खैर _ _ _
हो सकता है कल आप के यहाँ आएँ
आप इन्हें वापिस मत जाने देना।
घर के अंदर ले लेना
और समृद्ध हो जाना
इन संवेदनाओं के साथ
जब संवेदनाएँ ही नहीं रहेंगी
तो संवेदनाएँ लिखने वाले कवि भी
लुप्त हो जाएँगे
डायनासोर की तरह ही
यह मेरा अपना लालच है
जिसे सोचकर
मैं दरवाजा खोलता हूँ और
संवेदनाओं को अंदर ले लेता हूँ।
किसी से कहना मत दोस्तों
मैं समृद्ध हो गया हूँ
इन संवेदनाओं के साथ
दुःख बस एक बात का है
मेरे यहाँ आने से पहले
वो कुछ और घर भी गए थे
उन्होंने कुछ दरवाज़े और खटखटाए थे
लेकिन :
लेकिन। खैर _ _ _
हो सकता है कल आप के यहाँ आएँ
आप इन्हें वापिस मत जाने देना।
घर के अंदर ले लेना
और समृद्ध हो जाना
इन संवेदनाओं के साथ
102. ‘लेकिन’ पद किस स्थिति की ओर संकेत करता है?
1. जो नहीं होना चाहिए था, वह शीघ्र हुआ
2. जो होना चाहिए था, वह देर से हुआ
3. जो नहीं होना चाहिए, लेकिन हुआ
4. जो होना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ
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Answer – (4)