150. भाषाकक्षायां साहित्यस्य अतिरिक्त: उद्देश्यं किमस्ति ?
1. शब्दकोशस्य व्याकरणस्य च वृद्धि:
2. शब्दानां वाचनस्य योग्यताया: विकास:।
3. प्रक्रियारूपेण उच्चस्वरै: पठनस्य प्रोत्साहनम्।
4. ज्ञानस्य, रचनात्मकताया: तथा समीक्षात्मकचिन्तनस्य विकास:।
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Answer – (4)
भाषा की कक्षा में साहित्य का उद्देश्य ज्ञान, रचना और समीक्षात्मक चिन्तन का विकास ही है। छात्रों में साहित्य का उद्देश्य विषय को सीमित रूप में नहीं देखा जा सकता है बल्कि उसके विस्तृत रूप को विश्लेषित किया जाना चाहिए। साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना नहीं है बल्कि वर्तमान समय में साहित्य का उद्देश्य जीवन की समस्याओं पर भी विचार करना और उनका समाधान करना है। इस क्रिया से छात्रों में संवेदना व्यापक होने के साथ-साथ सोच का दायरा भी व्यापक हो जाता है। छात्र समाज, राजनीति, अतीत और आस-पास के परिवेश को और अधिक बेहतर समझने के योग्य हो जाते हैं।
भाषा की कक्षा में साहित्य का उद्देश्य ज्ञान, रचना और समीक्षात्मक चिन्तन का विकास ही है। छात्रों में साहित्य का उद्देश्य विषय को सीमित रूप में नहीं देखा जा सकता है बल्कि उसके विस्तृत रूप को विश्लेषित किया जाना चाहिए। साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना नहीं है बल्कि वर्तमान समय में साहित्य का उद्देश्य जीवन की समस्याओं पर भी विचार करना और उनका समाधान करना है। इस क्रिया से छात्रों में संवेदना व्यापक होने के साथ-साथ सोच का दायरा भी व्यापक हो जाता है। छात्र समाज, राजनीति, अतीत और आस-पास के परिवेश को और अधिक बेहतर समझने के योग्य हो जाते हैं।