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नीचे दिए गए पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
अप्रैल की एक सुबह थी
धीरे-धीरे गरम होना शुरू हो रही थी धूप
करीब आ रहा था कौवों के प्रजनन का समय!
घोंसले के लिए यहाँ-वहाँ चीजें बटोरते
जगह-जगह नजर आते थे कौवे
घर के सामने ही खुली जगह में बनने वाला था कोई मकान
नींव के लिए खोदी जा रही थी जमीन
वहीं किनारे से लगा दिया गया था बल्लियों का ऊँचा ढेर
बगल ही डाल दिया गया था मजूरों का अपना झोंपड़ा
उसी थोड़ी सी जगह में खेलते रहते थे
मजूरों के बच्चे सुबह शाम!
मंडराता रहता था एक मरधिल्ला सा कुत्ता आस-पास
कौवा जैसे ही उतरता था मैदान में लेने को-
कोई तिनका, रस्सी या लकड़ी का टुकड़ा-
भोंकते हुए झपटता था कुत्ता उस पर
थकाते रहते थे दोनों एक दूसरे को देर तक
कौवा उड़ता और बैठ जाता बल्लियों पर जाकर
अप्रैल की एक सुबह थी
धीरे-धीरे गरम होना शुरू हो रही थी धूप
करीब आ रहा था कौवों के प्रजनन का समय!
घोंसले के लिए यहाँ-वहाँ चीजें बटोरते
जगह-जगह नजर आते थे कौवे
घर के सामने ही खुली जगह में बनने वाला था कोई मकान
नींव के लिए खोदी जा रही थी जमीन
वहीं किनारे से लगा दिया गया था बल्लियों का ऊँचा ढेर
बगल ही डाल दिया गया था मजूरों का अपना झोंपड़ा
उसी थोड़ी सी जगह में खेलते रहते थे
मजूरों के बच्चे सुबह शाम!
मंडराता रहता था एक मरधिल्ला सा कुत्ता आस-पास
कौवा जैसे ही उतरता था मैदान में लेने को-
कोई तिनका, रस्सी या लकड़ी का टुकड़ा-
भोंकते हुए झपटता था कुत्ता उस पर
थकाते रहते थे दोनों एक दूसरे को देर तक
कौवा उड़ता और बैठ जाता बल्लियों पर जाकर
102. कौवा मैदान में तिनके और रस्सी लेने के लिए क्यों उतरता था?
1. मजदूरों को चिढ़ाने के लिए।
2. कुत्ते को डराने के लिए।
3. बच्चों के साथ खेलने के लिए।
4. घोंसला बनाने के लिए।
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Answer – (4)