140. ग्रहणकशब्दज्ञानम् (Receptive vocabulary) कान् शब्दान् समावेशयति?
1. श्रवणमात्रेण, पाठमात्रेण वा अभिज्ञातान् शब्दान्।
2. सम्भाषणकाले, लेखनकाले वा प्रयुक्तान् शब्दान्।
3. पाठस्य पठनात् पूर्वम् अस्माभि: ज्ञातार्थान् शब्दान्।
4. अस्पष्टार्थान् शब्दान्।
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Answer -(1)
ग्रहणशील शब्दज्ञान में सुनने तथा पाठ में आए हुए शब्दों के जानने मात्र से ही बालक में अधिक से अधिक शब्दों को ग्रहण करने की क्षमता प्राप्त होती है। छात्रों को अधिकाधिक रूप में इस क्रिया से उनके मस्तिष्क में शब्दज्ञान का भंडारण होता है। तथा उनके बोलने के अवसर पर शब्दों का अभाव नहीं होता, बच्चे सुगमता पूर्वक भाषण कौशल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ग्रहणशील शब्दज्ञान में सुनने तथा पाठ में आए हुए शब्दों के जानने मात्र से ही बालक में अधिक से अधिक शब्दों को ग्रहण करने की क्षमता प्राप्त होती है। छात्रों को अधिकाधिक रूप में इस क्रिया से उनके मस्तिष्क में शब्दज्ञान का भंडारण होता है। तथा उनके बोलने के अवसर पर शब्दों का अभाव नहीं होता, बच्चे सुगमता पूर्वक भाषण कौशल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।