Part – IV Hindi (Language I)
(Official Answer Key)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V)
भाग (Part) – Part – IV Language I Hindi
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 1st January 2022
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निर्देश – नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
मानव इतिहास में हजारों साल तक शून्य का कहीं अता-पता नहीं था। शून्य की अवधारणा आ भी गई तब भी काफी समय तक मानव ने इसे संख्या नहीं समझा। यह बात तो तय है कि शून्य प्रकृति-प्रदत्त नहीं है। हमने शून्य का आविष्कार अपनी सुविधा के लिए किया है। मनुष्यों ने शून्य की अवधारणा को न केवल समझा है, बल्कि उसकी सहायता से कई स्वचालित उपकरणों का आविष्कार भी कर लिया है। शून्य एक ही समय में एक अमूर्त विचार और एक वास्तविकता है और यह सीखना सबसे मुश्किल है कि शून्य एक से छोटा है। सबसे पहले भारत ने ‘कुछ भी नहीं’ को दर्शाने के लिए शून्य को एक स्वतंत्र संख्या के रूप में मान्यता दी। अगर हम शून्य को एक, दो और तीन जैसी संख्याओं की तरह मूर्त चीजों से सम्बद्ध कर पाते तो शायद शुन्य को समझाना बहुत आसान होता।
मानव इतिहास में हजारों साल तक शून्य का कहीं अता-पता नहीं था। शून्य की अवधारणा आ भी गई तब भी काफी समय तक मानव ने इसे संख्या नहीं समझा। यह बात तो तय है कि शून्य प्रकृति-प्रदत्त नहीं है। हमने शून्य का आविष्कार अपनी सुविधा के लिए किया है। मनुष्यों ने शून्य की अवधारणा को न केवल समझा है, बल्कि उसकी सहायता से कई स्वचालित उपकरणों का आविष्कार भी कर लिया है। शून्य एक ही समय में एक अमूर्त विचार और एक वास्तविकता है और यह सीखना सबसे मुश्किल है कि शून्य एक से छोटा है। सबसे पहले भारत ने ‘कुछ भी नहीं’ को दर्शाने के लिए शून्य को एक स्वतंत्र संख्या के रूप में मान्यता दी। अगर हम शून्य को एक, दो और तीन जैसी संख्याओं की तरह मूर्त चीजों से सम्बद्ध कर पाते तो शायद शुन्य को समझाना बहुत आसान होता।
91. शून्य के बारे में कौन-सा वाक्य सही है?
1. शून्य प्रकृति प्रदत्त है।
2. शून्य मानव जनित आविष्कार है।
3. शून्य की गणना मानव ही कर सकते हैं।
4. शून्य मूर्त अवधारणा है।
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Answer – (2)