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निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिएः
मद मस्त हाथियों का मेला, बुद्धि विवेक का प्रयोग कर।
समय, आश्चर्य परीक्षा ये; तत्पर सदा, आत्ममंथन कर।
विश्वास मेरा तेरे आगे, इस आलस्य का दमन का।
प्रारंभ तेरा तेरे द्वारा; पूर्णता स्वयं तेरे पीछे।
आत्मनिर्भर है यदि तू, कठिनाई तेरी काँटे फीके।
तेरा भविष्य तेरे आगे, लिख उसे स्वयं की कलम से।
दूजों के जो हाथ पकड़े, हाथ उनके कबके छूटे।
आत्मनिर्भर तू रे बन तो, देश तेरा आत्मनिर्भर।
आत्मनिर्भर यदि देश तेरा, तो भविष्य क्या रे सुंदर।
विश्वगुरु ये फिर बनेगा, बस तू बन कुछ आत्मनिर्भर।
वाणी यही अंतिम हो मेरी, ये देश मेरा, सत्य, आत्मनिर्भर।
मद मस्त हाथियों का मेला, बुद्धि विवेक का प्रयोग कर।
समय, आश्चर्य परीक्षा ये; तत्पर सदा, आत्ममंथन कर।
विश्वास मेरा तेरे आगे, इस आलस्य का दमन का।
प्रारंभ तेरा तेरे द्वारा; पूर्णता स्वयं तेरे पीछे।
आत्मनिर्भर है यदि तू, कठिनाई तेरी काँटे फीके।
तेरा भविष्य तेरे आगे, लिख उसे स्वयं की कलम से।
दूजों के जो हाथ पकड़े, हाथ उनके कबके छूटे।
आत्मनिर्भर तू रे बन तो, देश तेरा आत्मनिर्भर।
आत्मनिर्भर यदि देश तेरा, तो भविष्य क्या रे सुंदर।
विश्वगुरु ये फिर बनेगा, बस तू बन कुछ आत्मनिर्भर।
वाणी यही अंतिम हो मेरी, ये देश मेरा, सत्य, आत्मनिर्भर।
103. विश्वगुरु बनने हेतु कवि की क्या राय है?
1. झुककर प्रणाम करना
2. नियमित योग करना
3. आत्मनिर्भरता हेतु परिश्रम करना
4. पराश्रित रहना
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Answer – (3)