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निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए :
क्या परिचय दूं मैं अपना
द्रौपदी…..पांचाली…….कृष्ण…..याज्ञसेनी
सभी संज्ञाएँ विशेषण हैं या संबंधसूचक
कभी गौर किया है तुमने
मेरा कोई नाम नहीं।
द्रोणाचार्य के अपमान का बदला चुकाने को
पिता को चाहिए था एक योध्दा
और धृष्टद्युम्न के पीछे
यज्ञ की अग्नि से औचक ही निःसृत मैं
सबको स्तब्ध कर
खुद ही प्रयोजन बनती रही आजन्म।
सुई की नोक के बराबर भूमि न पाने वालों के औरस
अब तक मुझ पर उंगली उठाते थकते नहीं कि
लाखों लोगों की मृत्यु का कारण मैं रही
और भी कई कहानियां बुन ली हैं उन्होंने
महज इसलिए कि मैं कभी रोई नहीं
गिड़गिड़ाई नहीं
न माँ के सम्मुख जब उन्होंने बाँट दिया पाँच बेटों में
और न
कुरूसभा में
जहां पाँच-पाँच पतियों के बावजूद मैं अकेली पड़ गई…..
क्या परिचय दूं मैं अपना
द्रौपदी…..पांचाली…….कृष्ण…..याज्ञसेनी
सभी संज्ञाएँ विशेषण हैं या संबंधसूचक
कभी गौर किया है तुमने
मेरा कोई नाम नहीं।
द्रोणाचार्य के अपमान का बदला चुकाने को
पिता को चाहिए था एक योध्दा
और धृष्टद्युम्न के पीछे
यज्ञ की अग्नि से औचक ही निःसृत मैं
सबको स्तब्ध कर
खुद ही प्रयोजन बनती रही आजन्म।
सुई की नोक के बराबर भूमि न पाने वालों के औरस
अब तक मुझ पर उंगली उठाते थकते नहीं कि
लाखों लोगों की मृत्यु का कारण मैं रही
और भी कई कहानियां बुन ली हैं उन्होंने
महज इसलिए कि मैं कभी रोई नहीं
गिड़गिड़ाई नहीं
न माँ के सम्मुख जब उन्होंने बाँट दिया पाँच बेटों में
और न
कुरूसभा में
जहां पाँच-पाँच पतियों के बावजूद मैं अकेली पड़ गई…..
101. ‘द्रोणाचार्य’ शब्द का संधि-विच्छेद क्या है?
1. द्रोणा + चार्य
2. द्रोण + चार्य
3. द्रोण + आचार्य
4. द्रोणा + आचार्य
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Answer – (3)