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निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त विकल्प को चुनकर उत्तर दीजिएः
कलम, आज उनकी जय बोल,
जला अस्थियाँ बारी-बारी
छिटकायी जिसने चिनगारी,
जो चढ़ गये पुण्य-वेदी पर लिये बिना गरदन का मोल।
जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफानों में एक किनारे,
जल-जल कर बुझ गये, किसी दिन माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
कलम, आज उनकी जय बोल,
जला अस्थियाँ बारी-बारी
छिटकायी जिसने चिनगारी,
जो चढ़ गये पुण्य-वेदी पर लिये बिना गरदन का मोल।
जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफानों में एक किनारे,
जल-जल कर बुझ गये, किसी दिन माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
103. ‘जल-जल कर बुझ गये’ का भाव हैः
1. वीरगति को प्राप्त होना
2. मृत्यु हो जाना
3. तड़पकर मर जाना
4. जलकर मर जाना
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Answer -(1)