137. श्रीनगरे काचित् छात्रा मलयालमभाषां तृतीयभाषारूपेण अधीते। कक्षायां परस्परं सम्पर्कमाध्यमेन सा एकस्मिन् वर्षे एनां भाषां भाषितुं पठितुं च शक्नोति। एतत् किं कथ्यते:
1. भाषा-अधिगम:
2. भाषा-प्राप्ति:
3. भाषा-वृद्धि: (Addition)
4. ऋणात्मिका द्विभाषीयता
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Answer -(1)
श्रीनगर में कोई छात्र मलयालम भाषा को तीसरी (तृतीय) भाषा के रूप में सीखता है। कक्षा में परस्पर सम्पर्क माध्यम के द्वारा वह एक वर्ष में इस भाषा को बोलने और पढ़ने लगता है- यही भाषा अधिगम कहलाता है। भाषा अधिगम- भाषा को सीखना भाषा अधिगम कहा जाता है। मनुष्य अपने विचारों को अभिव्यक्ति करने समाज एवं परिवेश के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिस प्रक्रिया द्वारा अपनी भाषा क्षमता का विकास करता है, वह प्रक्रिया भाषा अधिगम कहलाती है।
श्रीनगर में कोई छात्र मलयालम भाषा को तीसरी (तृतीय) भाषा के रूप में सीखता है। कक्षा में परस्पर सम्पर्क माध्यम के द्वारा वह एक वर्ष में इस भाषा को बोलने और पढ़ने लगता है- यही भाषा अधिगम कहलाता है। भाषा अधिगम- भाषा को सीखना भाषा अधिगम कहा जाता है। मनुष्य अपने विचारों को अभिव्यक्ति करने समाज एवं परिवेश के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिस प्रक्रिया द्वारा अपनी भाषा क्षमता का विकास करता है, वह प्रक्रिया भाषा अधिगम कहलाती है।