140. संक्षिप्तकथा अस्ति–
1. वर्णनात्मकं लेखनम्
2. विश्लेषणात्मकं लेखनम्
3. कथानात्मकं लेखनम् (Narrative writing)
4. तुलनात्मकं लेखनम्
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Answer – (3)
आधुनिक समय में व्यक्ति अपने मनोभावों का प्रकटीकरण भाषा के माध्यम से दो रूपों में करता है। (1) मौखिक भाषा के माध्यम से। (2) लिखित भाषा के माध्यम से। मौखिक रूप के अन्तर्गत भाषा का ध्वन्यात्मक रूप एवं भावों की मौखिक अभिव्यक्ति है। जब इन ध्वनियों को प्रतीकों के रूप में व्यक्त किया जाता है और इन्हें लिपिबद्ध करके स्थायित्व प्रदान करते हैं, तो वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है। लेखन शिक्षण के उद्देश्य- (1) सोचने एवं निरीक्षण करने के उपरान्त भावों को क्रमबद्ध रूप में व्यक्त कर सकेगा। (2) सुन्दर लेख- लिख सकेगा (3) शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिख सकेगा (4) विराम-चिह्नों का यथोचित प्रयोग कर सकेगा। (5) व्याकरण सम्मत भाषा का प्रयोग करने में सक्षम होंगे।
आधुनिक समय में व्यक्ति अपने मनोभावों का प्रकटीकरण भाषा के माध्यम से दो रूपों में करता है। (1) मौखिक भाषा के माध्यम से। (2) लिखित भाषा के माध्यम से। मौखिक रूप के अन्तर्गत भाषा का ध्वन्यात्मक रूप एवं भावों की मौखिक अभिव्यक्ति है। जब इन ध्वनियों को प्रतीकों के रूप में व्यक्त किया जाता है और इन्हें लिपिबद्ध करके स्थायित्व प्रदान करते हैं, तो वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है। लेखन शिक्षण के उद्देश्य- (1) सोचने एवं निरीक्षण करने के उपरान्त भावों को क्रमबद्ध रूप में व्यक्त कर सकेगा। (2) सुन्दर लेख- लिख सकेगा (3) शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिख सकेगा (4) विराम-चिह्नों का यथोचित प्रयोग कर सकेगा। (5) व्याकरण सम्मत भाषा का प्रयोग करने में सक्षम होंगे।