10. अभिकथन (A): लॉरेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास सिद्धांत में बच्चे कार्यों को उनके परिणाम के आधार पर अच्छा या बुरा समझने से, इस समझ पर पहुँचते हैं कि नियम और कानून नम्य हैं और बदले जा सकते हैं।
कारण (R) : लॉरेंस कोहलबर्ग का तर्क है कि नैतिक विकास क्रमिक रूप से चरणों में होता है।
सही विकल्प चुनें :
(1) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(2) (A) और (R) दोनों सत्य हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(3) (A) सत्य है लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) और (R) दोनों गलत हैं।
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Answer – (1) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
कारण: कोहलबर्ग का सिद्धांत नैतिक विकास के क्रमिक चरणों का वर्णन करता है, जिसमें बच्चे नियमों की लचीली प्रकृति को समझते हैं।
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