गद्यांश पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए –
लखनऊ की एक छोटी-सी गली में, सादिक अपने अब्बा की खाने की दुकान पर बैठा था। वह बिरयानी की परात से मक्खियाँ उड़ा रहा था। तभी उसने देखा कि रेशमी अचकन में एक आदमी उनके दरवाज़े पर घोड़े से उतर रहा था।
‘अमीर लगता है, क्या वह हमारी दुकान पर आ रहा है?’ सादिक ने सोचा।
उसके पीछे आते दो नौकरों को देख उसने सोचा, ‘यकीनन, बड़ा आदमी है।’
सादिक के अब्बा मियाँ, मुहम्मद कादिर, ने भी जो एक बड़ी अंगीठी पर कबाब भूनने में मशगूल थे, नज़र उठाकर देखा। तभी एक नौकर ने तेज़ी से आगे आकर कहा, “नवाब हसन अली तशरीफ लाए हैं।”
अचकन वाला शख़्स दुकान में घुसा, चारों तरफ़ नज़र घुमाकर उनकी छोटी सी दुकान का जायज़ा लिया और बेदिली से बोला, “सुना है, तुम मशहूर बावर्ची मुहम्मद कादिर हो। हमें नई-नई चीज़ों का स्वाद चखने का शौक है। इसी लिहाज़ से हम तुम्हारी दुकान पर आए हैं। तुम क्या चीज़ सबसे उम्दा बनाते हो?”
“दाल”, सादिक के अब्बा ने कबाब भूनते-भूनते ही जवाब दिया।
“दाल?” नवाब साहब ने हैरानी से पूछा, “सिर्फ़ दाल?”
“मैं बिरयानी, कोरमा और बाकी सब रिवायती चीजें भी बनाता हूँ, मगर आपने पूछा है कि मैं क्या चीज़ सबसे उम्दा बनाता हूँ”, कादिर ने तसल्ली से जवाब दिया।
“मगर दाल! बात कुछ दिलचस्प-सी नहीं लगती। हमारे दोस्तों ने तो तुम्हारे खाने की बहुत तारीफ की थी। हम तो कुछ बेहतर चीज़ की उम्मीद लगाए थे।
“पर आपने वह दाल चखी ही कहाँ है, जो मैं बनाता हूँ।”
“बहुत खूब हम चखेंगे। तुम कौन-सी दाल बनाते हो?”
“उड़द की ”
लखनऊ की एक छोटी-सी गली में, सादिक अपने अब्बा की खाने की दुकान पर बैठा था। वह बिरयानी की परात से मक्खियाँ उड़ा रहा था। तभी उसने देखा कि रेशमी अचकन में एक आदमी उनके दरवाज़े पर घोड़े से उतर रहा था।
‘अमीर लगता है, क्या वह हमारी दुकान पर आ रहा है?’ सादिक ने सोचा।
उसके पीछे आते दो नौकरों को देख उसने सोचा, ‘यकीनन, बड़ा आदमी है।’
सादिक के अब्बा मियाँ, मुहम्मद कादिर, ने भी जो एक बड़ी अंगीठी पर कबाब भूनने में मशगूल थे, नज़र उठाकर देखा। तभी एक नौकर ने तेज़ी से आगे आकर कहा, “नवाब हसन अली तशरीफ लाए हैं।”
अचकन वाला शख़्स दुकान में घुसा, चारों तरफ़ नज़र घुमाकर उनकी छोटी सी दुकान का जायज़ा लिया और बेदिली से बोला, “सुना है, तुम मशहूर बावर्ची मुहम्मद कादिर हो। हमें नई-नई चीज़ों का स्वाद चखने का शौक है। इसी लिहाज़ से हम तुम्हारी दुकान पर आए हैं। तुम क्या चीज़ सबसे उम्दा बनाते हो?”
“दाल”, सादिक के अब्बा ने कबाब भूनते-भूनते ही जवाब दिया।
“दाल?” नवाब साहब ने हैरानी से पूछा, “सिर्फ़ दाल?”
“मैं बिरयानी, कोरमा और बाकी सब रिवायती चीजें भी बनाता हूँ, मगर आपने पूछा है कि मैं क्या चीज़ सबसे उम्दा बनाता हूँ”, कादिर ने तसल्ली से जवाब दिया।
“मगर दाल! बात कुछ दिलचस्प-सी नहीं लगती। हमारे दोस्तों ने तो तुम्हारे खाने की बहुत तारीफ की थी। हम तो कुछ बेहतर चीज़ की उम्मीद लगाए थे।
“पर आपने वह दाल चखी ही कहाँ है, जो मैं बनाता हूँ।”
“बहुत खूब हम चखेंगे। तुम कौन-सी दाल बनाते हो?”
“उड़द की ”
97. ‘और बेदिली से बोला’ रेखांकित शब्द के स्थान पर लिखा जा सकता है –
1. बेरहमी
2. बेढबी
3. बेशर्मी
4. बेरुख़ी
Click To Show Answer
Answer – (4)