64. ‘‘अपने आत्मसम्मान को दाँव पर लगाकर जीवित रहना अशोभनीय है। आत्मसम्मान जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा है। इसके बिना व्यक्ति नगण्य है। आत्मसम्मान के साथ जीवन बिताने के लिए व्यक्ति को कठिनाईयों पर विजय प्राप्त करनी होती है। केवल कठिन और निरंतन संघर्ष से ही व्यक्ति बल, विश्वास और मान्यता प्राप्त कर सकता है।’’ यह किसने कहा हैं?
1. महात्मा गाँधी
2. बी.आर. अंबेडकर
3. जवाहरलाल नेहरू
4. चंद्रशेखर आजाद
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