Part – IV Hindi (Language I)
(Official Answer Key)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V)
भाग (Part) – Part – IV Language I Hindi
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 28th December 2021
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निर्देश-नीचे दिए गए पत्र का अंश पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त वाले विकल्प को चुनिए:
पूज्य पिताजी महाराज, दिल्ली जेल
वन्दे मातरम्! 26 अप्रैल, 1929
अर्ज यह है कि हम लोग 22 अप्रैल को पुलिस की हवालात से दिल्ली जेल में मुंताकिल कर दिए गए थे और इस वक़्त दिल्ली जेल में ही हैं। मुकदमा 7 मई को जेल के अंदर ही शुरु होगा। गालिबन एक माह में सारा ड्रामा खत्म हो जाएगा। मुझे मालूम हुआ कि आप यहाँ तशरीफ़ लाए थे और किसी वकील वगैरह से बातचीत की थी और मुझसे मिलने की कोशिश भी की थी, मगर तब सब इंतजाम न हो सका। कपडे़ मुझे परसों मिले। मुलाकात आप जिस दिन तशरीफ़ लाएँ, हो सकेगी। आप ख्वाहमख्वाह ज्यादा तकलीफ न कीजिएगा। अगर आप मिलने के लिए आएँ तो अकेले आइएगा। वालिदा साहिबा (माता जी) को साथ ना लाइएगा। ख्वाहमख्वाह वो रो देंगी। घर के सब हालात आपसे मिलने पर मालूम हो सकेंगे। हाँ, अगर हो सके तो गीता रहस्य, नेपोलियन की मोटी सुआने-उमरी, अंग्रेजी के कुछ आला नावॅल लेते आइएगा। इस वक़्त पुलिस-हवालात और जेल में हमारे साथ निहायत अच्छा सलूक हो रहा है। मुझे आपका एड्रेस मालूम नहीं है, इसलिए कांग्रेस दफ़्तर के पते पर लिख रहा हूँ।
पूज्य पिताजी महाराज, दिल्ली जेल
वन्दे मातरम्! 26 अप्रैल, 1929
अर्ज यह है कि हम लोग 22 अप्रैल को पुलिस की हवालात से दिल्ली जेल में मुंताकिल कर दिए गए थे और इस वक़्त दिल्ली जेल में ही हैं। मुकदमा 7 मई को जेल के अंदर ही शुरु होगा। गालिबन एक माह में सारा ड्रामा खत्म हो जाएगा। मुझे मालूम हुआ कि आप यहाँ तशरीफ़ लाए थे और किसी वकील वगैरह से बातचीत की थी और मुझसे मिलने की कोशिश भी की थी, मगर तब सब इंतजाम न हो सका। कपडे़ मुझे परसों मिले। मुलाकात आप जिस दिन तशरीफ़ लाएँ, हो सकेगी। आप ख्वाहमख्वाह ज्यादा तकलीफ न कीजिएगा। अगर आप मिलने के लिए आएँ तो अकेले आइएगा। वालिदा साहिबा (माता जी) को साथ ना लाइएगा। ख्वाहमख्वाह वो रो देंगी। घर के सब हालात आपसे मिलने पर मालूम हो सकेंगे। हाँ, अगर हो सके तो गीता रहस्य, नेपोलियन की मोटी सुआने-उमरी, अंग्रेजी के कुछ आला नावॅल लेते आइएगा। इस वक़्त पुलिस-हवालात और जेल में हमारे साथ निहायत अच्छा सलूक हो रहा है। मुझे आपका एड्रेस मालूम नहीं है, इसलिए कांग्रेस दफ़्तर के पते पर लिख रहा हूँ।
91. वालिदा साहिबा को साथ न लाने की बात क्यों लिखी?
1. वालिदा के ऊपर घर के दायित्व थे।
2. वालिदा को उनकी स्थिति देखकर दुःख होगा।
3. वालिदा को मिलने की अनुमति नहीं मिलेगी।
4. वालिदा के लिए यात्रा करना उचित नहीं था।
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Answer – (2)