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निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्र्नों के उत्तर दीजीए-
पंखो से रे, फैले-फैले ताड़ों के दल,
लंबी-लंबी अंगुलियाँ हैं, चौड़े करतल।
तड़-तड़ पड़ती धार वारि की उन पर चंचल,
टप-टप झरती कर मुख से जल बूँदें झलमल।।
नाच रहे पागल हो ताली दे-दे चल-दल,
झूम-झूम सिर नीम हिलाती सुख से विह्वल!
हरसिंगार झरते बेला-कलि बढ़ती प्रतिफल,
हँसमुख हरियाली में खग कुल गाते मंगल।।
पंखो से रे, फैले-फैले ताड़ों के दल,
लंबी-लंबी अंगुलियाँ हैं, चौड़े करतल।
तड़-तड़ पड़ती धार वारि की उन पर चंचल,
टप-टप झरती कर मुख से जल बूँदें झलमल।।
नाच रहे पागल हो ताली दे-दे चल-दल,
झूम-झूम सिर नीम हिलाती सुख से विह्वल!
हरसिंगार झरते बेला-कलि बढ़ती प्रतिफल,
हँसमुख हरियाली में खग कुल गाते मंगल।।
104. ‘तड़-तड़’ किस प्रकार का शब्द है?
1. यौगिक
2. योगरुढ़
3. संयुक्त
4. पुनरुक्त
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Answer – (4)