51. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (2005) के अनुसार, गणित शिक्षा का आकार चौड़े और गोलीय होने के स्थान पर ज़्यादा ऊँचा और तकुआकार हो गया है। इसका अर्थ है :
1. प्राथमिक विद्यालयों और उच्च विद्यालयों के शिक्षकों में पारस्परिक संवाद (संप्रेषण) नहीं है।
2. गणित पाठ्यक्रम में विषयों का परिचय कठिनाई के श्रेणीबद्ध स्तरों के अनुसार दिया गया है।
3. गत-वर्षो में बहुत से नए विषयों के समावेश से गणित पाठ्यक्रम के परिमाण में वृद्धि हुई है।
4. पाठ्यचर्या के गतिमान होने के कारण कुछ आधारभूत विषयों की काट-छांट की गई है जिससे कि नए विषयों का समावेश किया जा सके जो कि उच्च गणित के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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Answer – (4)