142. जीवा व्याकरणस्य काचिद् नवीन-संरचना अधिगमक्रमे (पूर्वकालिकक्रिया-क्त्वा/ल्यप् प्रत्ययं प्रयुज्य + भूतकालिकक्रिया) पूर्वाधीताया: संरचनाया: (पूर्वकालिकक्रिया-क्त्वा/ल्यप् प्रत्ययं प्रयुज्य + वर्तमानकालिकक्रिया) अनुयोग: कर्तुं समर्थ:। अयं प्रविधि: किं कथ्यते?
1. संज्ञानात्मक-प्रविधि: (Cognitive strategy)
2. अधिसंज्ञानात्मक-प्रविधय:( Metacognitive strategies)
3. संज्ञानात्मक-प्रविधि: अधिसंज्ञानात्मक-प्रविधय:च
4. भविष्यकथन-प्रविधि: (Prediction strategies)
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Answer -(1)
जीवा व्याकरण के कुछ नवीन संरचना की अधिगम क्रम में (पूर्वकालिक क्रिया-क्त्वा/ल्यप् प्रत्यय का प्रयोग करके + भूतकाल की क्रिया) पहले से सीखी हुई संरचना का (पूर्वकालिक-क्त्वा/ल्यप् प्रत्यय का प्रयोग करके वर्तमान काल की क्रिया) उपयोग करने में समर्थ है। यह प्रविधि ‘संज्ञानात्मक प्रविधि’ कही जाती है।
जीवा व्याकरण के कुछ नवीन संरचना की अधिगम क्रम में (पूर्वकालिक क्रिया-क्त्वा/ल्यप् प्रत्यय का प्रयोग करके + भूतकाल की क्रिया) पहले से सीखी हुई संरचना का (पूर्वकालिक-क्त्वा/ल्यप् प्रत्यय का प्रयोग करके वर्तमान काल की क्रिया) उपयोग करने में समर्थ है। यह प्रविधि ‘संज्ञानात्मक प्रविधि’ कही जाती है।