146. अधोलिखित: निर्देश: कस्य लेखन-प्रकारमध्ये आयातिकल्पयतु भवान् एकं कथापात्रम् , स्वदैनन्दिनीमध्ये स्वभावान् लिखतु।
1. विवरणात्मकं लेखनम्
2. बाह्यकलनलेखनम् (Extrapolative Writing)
3. विश्लेषणात्मकं लेखनम्
4. कार्यालयीयलेखनम्
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Answer – (2)
उपर्युक्त निर्देश ‘बाह्यकलन लेखन में ज्ञात तथ्यों और टिप्पणियों के आधार पर भविष्य के बारे में एक अनुमान अपने दिनचर्या के मध्य में स्वयं लिखना। प्रत्यक्ष अवलोकन के आधार पर परिस्थितिजन्य साक्ष्य और पूर्व निष्कर्षों को निकालने या तार्किक निर्णय लेने में शामिल है।
उपर्युक्त निर्देश ‘बाह्यकलन लेखन में ज्ञात तथ्यों और टिप्पणियों के आधार पर भविष्य के बारे में एक अनुमान अपने दिनचर्या के मध्य में स्वयं लिखना। प्रत्यक्ष अवलोकन के आधार पर परिस्थितिजन्य साक्ष्य और पूर्व निष्कर्षों को निकालने या तार्किक निर्णय लेने में शामिल है।