Part – IV Hindi (Language I)
(Official Answer Key)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V)
भाग (Part) – Part – IV Language I Hindi
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 4th January 2022
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निर्देश-निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सबसे उचित विकल्प का चयन करें।
हमारी हीनता और श्रेष्ठता का सम्बन्ध देश की हीनता और श्रेष्ठता से जुड़ा हुआ है। जब हम कोई हीन या बुरा काम करते हैं तो हमारे माथे पर ही कलंक का टीका नहीं लगता, बल्कि देश का भी सिर नीचा होता है और उसकी प्रतिष्ठा गिरती है। जब हम कोई श्रेष्ठ कार्य करते हैं तो उससे हमारा ही सिर नहीं ऊँचा होता, बल्कि देश का भी सिर ऊँचा होता है और उसका गौरव बढ़ता है। इसलिए हमें कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे देश की प्रतिष्ठा पर आँच आए।
क्या आप चलती रेलों में, क्लबों में, चौपालों पर और मोटरबसों में कभी ऐसी चर्चा करते हैं कि हमारे देश में यह नहीं हो रहा, वह नहीं हो रहा है और यह गड़बड़ है, यह परेशानी है? साथ ही, क्या आप अपने देश की तुलना किसी और देश से करते हैं कि कौन-सा देश श्रेष्ठ और कौन-सा देश हीन है? यदि हाँ, तब आप को चिंता होगी कि देश की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
क्या आप कभी केला खाकर छिलका रास्ते में फेंकते हैं? अपने घर का कूड़ा बाहर फेंकते हैं? अपशब्दों का प्रयोग करते हैं? इधर की उधर, उधर की इधर लगाते हैं? अपने घर, दफ़्तर, गली को गन्दा रखते हैं? होटलों, धर्मशालाओं में या दूसरे ऐसे ही स्थानों में, जीनों में, कोनों में पीक थूकते हैं? उत्सवों, मेलों, रेलों और खेलों में ठेलम-ठेल करते हैं, निमंत्रित होने पर विलम्ब से पहुंचते हैं या वचन देकर भी घर आने वालों को समय पर नहीं मिलते और इसी तरह शिष्ट व्यवहार के विपरीत आचरण करते हैं।
यदि आपका उत्तर ‘हाँ’ है, तो आप के द्वारा देश के सम्मान को भयंकर आघात लग रहा है और राष्ट्रीय संस्कृति को गहरी चोट पहुँच रही है।
यदि आपका उत्तर ‘नहीं’, तो आपके द्वारा देश का सम्मान बढ़ेगा और संस्कृति भी सुरक्षित रहेगी।
हमारी हीनता और श्रेष्ठता का सम्बन्ध देश की हीनता और श्रेष्ठता से जुड़ा हुआ है। जब हम कोई हीन या बुरा काम करते हैं तो हमारे माथे पर ही कलंक का टीका नहीं लगता, बल्कि देश का भी सिर नीचा होता है और उसकी प्रतिष्ठा गिरती है। जब हम कोई श्रेष्ठ कार्य करते हैं तो उससे हमारा ही सिर नहीं ऊँचा होता, बल्कि देश का भी सिर ऊँचा होता है और उसका गौरव बढ़ता है। इसलिए हमें कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे देश की प्रतिष्ठा पर आँच आए।
क्या आप चलती रेलों में, क्लबों में, चौपालों पर और मोटरबसों में कभी ऐसी चर्चा करते हैं कि हमारे देश में यह नहीं हो रहा, वह नहीं हो रहा है और यह गड़बड़ है, यह परेशानी है? साथ ही, क्या आप अपने देश की तुलना किसी और देश से करते हैं कि कौन-सा देश श्रेष्ठ और कौन-सा देश हीन है? यदि हाँ, तब आप को चिंता होगी कि देश की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
क्या आप कभी केला खाकर छिलका रास्ते में फेंकते हैं? अपने घर का कूड़ा बाहर फेंकते हैं? अपशब्दों का प्रयोग करते हैं? इधर की उधर, उधर की इधर लगाते हैं? अपने घर, दफ़्तर, गली को गन्दा रखते हैं? होटलों, धर्मशालाओं में या दूसरे ऐसे ही स्थानों में, जीनों में, कोनों में पीक थूकते हैं? उत्सवों, मेलों, रेलों और खेलों में ठेलम-ठेल करते हैं, निमंत्रित होने पर विलम्ब से पहुंचते हैं या वचन देकर भी घर आने वालों को समय पर नहीं मिलते और इसी तरह शिष्ट व्यवहार के विपरीत आचरण करते हैं।
यदि आपका उत्तर ‘हाँ’ है, तो आप के द्वारा देश के सम्मान को भयंकर आघात लग रहा है और राष्ट्रीय संस्कृति को गहरी चोट पहुँच रही है।
यदि आपका उत्तर ‘नहीं’, तो आपके द्वारा देश का सम्मान बढ़ेगा और संस्कृति भी सुरक्षित रहेगी।
91. हमारी हीनता और श्रेष्ठता का सम्बन्ध किससे जुड़ा है?
1. देश की हीनता और श्रेष्ठता
2. कोई हीन या बुरा काम
3. शिष्ट व्यवहार के विपरीत आचरण
4. देश की प्रतिष्ठा
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Answer -(1)