56. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रुपरेखा (2005) मानती है कि गणित में “चिंतन और तर्कण का एक निश्चित तरीका” आवेष्टित है I यह दृष्टि चरितार्थ की जा सकती है-
1. छात्रों को विशेष अनुशिक्षण देकर
2. अन्वेषण उपागम हस्त कौशल सामग्री का उपयोग, अवधारणाओं का वास्तविक जीवन से संबंध जोड़ कर, छात्रो को चर्चा में सम्मिलित करके
3. गणित की सभी पाठ्य पुस्तको को दोबारा लिखकर
4. पाठ्य पुस्तक में दी गई समस्याओं / प्रश्नों को हल करने पर बल देकर
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Answer – (2)