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निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
राजा वसंत, वर्षा ऋतुओं की रानी,
लेकिन, दोनों की कितनी भिन्न कहानी!
राजा के मुख में हँसी, कंठ में माला,
रानी का अंतर विकल, दृगों में पानी।
डोलती सुरभि राजा-घर कोने-कोने,
परियाँ सेवा में खड़ी सजाकर दोने।
खोले अलकें रानी व्याकुल-सी आई,
उमड़ी, जानें क्या व्यथा, लगी वह रोने।
रानी, रोओं, पोंछो न अश्रु अंचल से,
राजा अबोध खेले कचनार-कमल से।
राजा के मन में कैसे कुसुम खिलेंगे,
सींचो न धरा यदि तुम आँसू के जल से?
राजा वसंत, वर्षा ऋतुओं की रानी,
लेकिन, दोनों की कितनी भिन्न कहानी!
राजा के मुख में हँसी, कंठ में माला,
रानी का अंतर विकल, दृगों में पानी।
डोलती सुरभि राजा-घर कोने-कोने,
परियाँ सेवा में खड़ी सजाकर दोने।
खोले अलकें रानी व्याकुल-सी आई,
उमड़ी, जानें क्या व्यथा, लगी वह रोने।
रानी, रोओं, पोंछो न अश्रु अंचल से,
राजा अबोध खेले कचनार-कमल से।
राजा के मन में कैसे कुसुम खिलेंगे,
सींचो न धरा यदि तुम आँसू के जल से?
102. ‘दृगों में पानी’ दृगों का अर्थ नेत्र है।
ऋतुओं की रानी वर्षा के दृग कौन हो सकते हैं?
1. नक्षत्र
2. आकाश
3. मेघ
4. चन्द्रमा
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Answer – (3)