निर्देश (प्रश्न सं० 96 से 100 तक) : निम्नलिखित अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर उत्तर-पत्रिका में चिह्नित कीजिए।
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संकटों से वीर घबराते नहीं,
आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में पूरा किया,
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।
कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,
संकटों के बीच वे गाते सदा।
है असंभव कुछ नहीं उनके लिए,
सरल-संभव कर दिखाते वे सदा।।
96. पद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक हैआपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में पूरा किया,
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।।
कठिन पथ को देख मुस्कुराते सदा,
संकटों के बीच वे गाते सदा।
है असंभव कुछ नहीं उनके लिए,
सरल-संभव कर दिखाते वे सदा।।
(A) संकट के बादल
(B) वीर
(C) कठिन पथ
(D) उपर्युक्त में से एक से अधिक
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं
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उत्तर : (B) वीर
कारण: पद्यांश में वीर पुरुषों के गुणों और उनकी विशेषताओं का वर्णन किया गया है कि वे कैसे संकटों का सामना करते हैं, कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हैं और असंभव को संभव बनाते हैं। इसलिए, ‘वीर’ शीर्षक सबसे उपयुक्त है जो केंद्रीय विषय को दर्शाता है। ‘संकट के बादल’ और ‘कठिन पथ’ पद्यांश के हिस्सों को दर्शाते हैं, पूरे भाव को नहीं।
कारण: पद्यांश में वीर पुरुषों के गुणों और उनकी विशेषताओं का वर्णन किया गया है कि वे कैसे संकटों का सामना करते हैं, कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराते हैं और असंभव को संभव बनाते हैं। इसलिए, ‘वीर’ शीर्षक सबसे उपयुक्त है जो केंद्रीय विषय को दर्शाता है। ‘संकट के बादल’ और ‘कठिन पथ’ पद्यांश के हिस्सों को दर्शाते हैं, पूरे भाव को नहीं।