पद्यांश पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
निर्देश: दिए गए पद्यांश को ध्यानपर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मन-मोहिनी प्रकृति की जो गोद में बसा है,
सुख स्वर्ग-सा जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसका चरण निरन्तर रत्नेश धो रहा है,
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन-सा है?
जिसके सुगंध वाले सुन्दर प्रसून प्यारे,
दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन-सा है?
मैदान-गिरी-वनों में हरियालियाँ लहकतीं,
आनंदमय जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है,
संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं,
सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?
चालीस कोटि भाई सेवक सपूत जिसके,
भारत सिवाय दूजा, वह देश कौन-सा है?
मन-मोहिनी प्रकृति की जो गोद में बसा है,
सुख स्वर्ग-सा जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसका चरण निरन्तर रत्नेश धो रहा है,
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन-सा है?
जिसके सुगंध वाले सुन्दर प्रसून प्यारे,
दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन-सा है?
मैदान-गिरी-वनों में हरियालियाँ लहकतीं,
आनंदमय जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है,
संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं,
सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?
चालीस कोटि भाई सेवक सपूत जिसके,
भारत सिवाय दूजा, वह देश कौन-सा है?
102. काव्यांश की कौन-सी पंक्ति का भाव है कि यहाँ तरह-तरह के सुगंधित फूल सदैव खिले रहते हैं?
1. सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?
2. जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है,
3. चालीस कोटि भाई सेवक सपूत जिसके,
4. जिसके सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे,
Click To Show Answer
Answer – (4)