Part – IV Hindi (Language I)
(Official Answer Key)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper 2 Elementary Stage (Class VI to VIII)
भाग (Part) – Part – IV Language I Hindi
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 11th January 2022
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दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
मनुष्य को चाहिए कि सदा सत्य और प्रिय बोले। कभी कटु और अप्रिय सत्य न बोले। अप्रिय सत्य की अपेक्षा मौन रहना बेहतर है। भर्तृहरि का कथन है कि मधुर वाणी ही मनुष्य का सच्चा आभूषण है। इस संसार में मधुर वचन एक ऐसी दुर्लभ वस्तु है जिसका सही आचरण करने वाला स्थायी कीर्ति प्राप्त करता है। यह संपूर्ण संसार के हृदय को शीतल करने वाली एक ऐसी औषधि है जिसके प्रयोग से सभी जन आनंदित होते हैं और प्रयोग करने वाला सबका प्रिय बन जाता है। जो व्यक्ति दूसरों के प्रति सदा कटु वचन का प्रयोग करता है, जिसकी भौहें क्रोध से सदा टेढ़ी रहती हैं, जिसके वचन बाण व्यर्थ ही दूसरों के मर्मस्थल को काटते हैं। ऐसा मनुष्य संपूर्ण समाज का द्वेष पात्र बनता है। जो मनुष्य अपने इष्ट मित्रों को देखकर सम्मान सहित उनसे पहले ही बोलता है, सभी लोग उससे प्रसन्न रहते हैं। जैसे रूखा-सूखा भोजन लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाता, उसी प्रकार बहुत बड़ा दान यदि प्रिय वचन से रहित है तो वह प्राणियों को प्रसन्न नहीं कर पाता है।
मनुष्य को चाहिए कि सदा सत्य और प्रिय बोले। कभी कटु और अप्रिय सत्य न बोले। अप्रिय सत्य की अपेक्षा मौन रहना बेहतर है। भर्तृहरि का कथन है कि मधुर वाणी ही मनुष्य का सच्चा आभूषण है। इस संसार में मधुर वचन एक ऐसी दुर्लभ वस्तु है जिसका सही आचरण करने वाला स्थायी कीर्ति प्राप्त करता है। यह संपूर्ण संसार के हृदय को शीतल करने वाली एक ऐसी औषधि है जिसके प्रयोग से सभी जन आनंदित होते हैं और प्रयोग करने वाला सबका प्रिय बन जाता है। जो व्यक्ति दूसरों के प्रति सदा कटु वचन का प्रयोग करता है, जिसकी भौहें क्रोध से सदा टेढ़ी रहती हैं, जिसके वचन बाण व्यर्थ ही दूसरों के मर्मस्थल को काटते हैं। ऐसा मनुष्य संपूर्ण समाज का द्वेष पात्र बनता है। जो मनुष्य अपने इष्ट मित्रों को देखकर सम्मान सहित उनसे पहले ही बोलता है, सभी लोग उससे प्रसन्न रहते हैं। जैसे रूखा-सूखा भोजन लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाता, उसी प्रकार बहुत बड़ा दान यदि प्रिय वचन से रहित है तो वह प्राणियों को प्रसन्न नहीं कर पाता है।
91. गद्यांश के आधार पर मनुष्य को क्या करना चाहिए?
1. कटु तथा अप्रिय सत्य बोलना चाहिए।
2. कटु तथा अप्रिय सत्य नहीं बोलना चाहिए।
3. असत्य तथा कटु बोलना चाहिए।
4. प्रिय तथा असत्य बोलना चाहिए।
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Answer – (2)