Part – IV Hindi (Language I)
(Official Answer Key)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper 2 Elementary Stage (Class VI to VIII)
भाग (Part) – Part – IV Language I Hindi
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 12th January 2022
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दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
सत्य ही जीवन है। यह सर्वशक्तिमान, दिव्य, चमत्कारी, सर्वगुणसम्पन्न एवं सद्गुणों को प्रदान करने वाला है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक, परोपकारी, दानी, ज्ञानी, सबके भले में अपना भला देखने वाला बनाता है। सच्चाई के बराबर कोई तपस्या नहीं है। झूठ (मिथ्याचरण) के बराबर कोई पाप कर्म नहीं है। जिसके हृदय में सच्चाई है उसी के हृदय में ईश्वर का वास होता है। इस नाशवान और तरह-तरह की बुराइयों से भरे संसार में सच बोलना, सबसे बड़ी और सहज, सरल तपस्या है। आज तक हमारे देश की पवित्र एवं पावन भूमि पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने प्रखर व्यक्तित्व से पूरी दुनिया को जीवन जीने का एक नया आयाम सिखाया है। एक ऐसे ही महान व्यक्ति थे राजा हरिश्चन्द्र, जिन्होंने पूरी मानव जाति को हकीकत के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया है। वह अपनी यथार्थवादी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं जो अपने पूरे जीवन में कभी भी इस पथ से नहीं डगमगाए। ऐसे ही हम भी वास्तविकता और जीवन को अलग नहीं कर सकते। आध्यात्मिक व्यक्ति अपने लिए ही ध्यान नहीं करता है या फिर वह सिर्फ अपने लिए ही सच के मार्ग पर चलने की कोशिश नहीं करता है। वह सबको सत्यपथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है। वह संपूर्ण मानव जाति के लिए यह सब कुछ करता है। उसका जीवन करुणा और समर्पण का होता है।
सत्य ही जीवन है। यह सर्वशक्तिमान, दिव्य, चमत्कारी, सर्वगुणसम्पन्न एवं सद्गुणों को प्रदान करने वाला है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक, परोपकारी, दानी, ज्ञानी, सबके भले में अपना भला देखने वाला बनाता है। सच्चाई के बराबर कोई तपस्या नहीं है। झूठ (मिथ्याचरण) के बराबर कोई पाप कर्म नहीं है। जिसके हृदय में सच्चाई है उसी के हृदय में ईश्वर का वास होता है। इस नाशवान और तरह-तरह की बुराइयों से भरे संसार में सच बोलना, सबसे बड़ी और सहज, सरल तपस्या है। आज तक हमारे देश की पवित्र एवं पावन भूमि पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने प्रखर व्यक्तित्व से पूरी दुनिया को जीवन जीने का एक नया आयाम सिखाया है। एक ऐसे ही महान व्यक्ति थे राजा हरिश्चन्द्र, जिन्होंने पूरी मानव जाति को हकीकत के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया है। वह अपनी यथार्थवादी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं जो अपने पूरे जीवन में कभी भी इस पथ से नहीं डगमगाए। ऐसे ही हम भी वास्तविकता और जीवन को अलग नहीं कर सकते। आध्यात्मिक व्यक्ति अपने लिए ही ध्यान नहीं करता है या फिर वह सिर्फ अपने लिए ही सच के मार्ग पर चलने की कोशिश नहीं करता है। वह सबको सत्यपथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है। वह संपूर्ण मानव जाति के लिए यह सब कुछ करता है। उसका जीवन करुणा और समर्पण का होता है।
91. सबसे बड़ी तपस्या किसे कहा गया है?
1. तप करना
2. सत्य बोलना
3. मिथ्याचरण
4. सरल होना
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Answer – (2)