5. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत के अनुसार:
(1) पूर्व ज्ञान सीखने की प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाता है।
(2) परिपक्वता जैसे जैविक कारक संज्ञानात्मक विकास में कोई भूमिका नहीं निभाते हैं।
(3) सीखने के अनुभव बच्चों के संज्ञानात्मक कार्यों के वर्तमान स्तर पर निर्भर करते हैं।
(4) अनुभवों के माध्यम से सीखने के बजाय याद करने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
Click To Show Answer
उत्तर : (3) सीखने के अनुभव बच्चों के संज्ञानात्मक कार्यों के वर्तमान स्तर पर निर्भर करते हैं।
कारण: जीन पियाजे के सिद्धांत का एक केंद्रीय सिद्धांत यह है कि बच्चे अपने पर्यावरण के साथ बातचीत करके ज्ञान का निर्माण करते हैं। वे नए अनुभवों को अपनी मौजूदा मानसिक संरचनाओं या स्कीमा (schemas) में आत्मसात (assimilate) करते हैं और यदि आवश्यक हो, तो अपनी स्कीमा को नए अनुभवों को समायोजित करने के लिए समायोजित (accommodate) करते हैं। इसका अर्थ है कि सीखने के अनुभव तभी प्रभावी होते हैं जब वे बच्चे के वर्तमान संज्ञानात्मक विकास के स्तर के अनुरूप हों। पियाजे के अनुसार, पूर्व ज्ञान सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और परिपक्वता जैसे जैविक कारक संज्ञानात्मक विकास में आवश्यक भूमिका निभाते हैं। पियाजे रटने के बजाय सक्रिय निर्माण और अनुभवों के माध्यम से सीखने पर जोर देते हैं।
कारण: जीन पियाजे के सिद्धांत का एक केंद्रीय सिद्धांत यह है कि बच्चे अपने पर्यावरण के साथ बातचीत करके ज्ञान का निर्माण करते हैं। वे नए अनुभवों को अपनी मौजूदा मानसिक संरचनाओं या स्कीमा (schemas) में आत्मसात (assimilate) करते हैं और यदि आवश्यक हो, तो अपनी स्कीमा को नए अनुभवों को समायोजित करने के लिए समायोजित (accommodate) करते हैं। इसका अर्थ है कि सीखने के अनुभव तभी प्रभावी होते हैं जब वे बच्चे के वर्तमान संज्ञानात्मक विकास के स्तर के अनुरूप हों। पियाजे के अनुसार, पूर्व ज्ञान सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और परिपक्वता जैसे जैविक कारक संज्ञानात्मक विकास में आवश्यक भूमिका निभाते हैं। पियाजे रटने के बजाय सक्रिय निर्माण और अनुभवों के माध्यम से सीखने पर जोर देते हैं।