7. भाषा और सोच प्रक्रिया के बीच संबंध का प्रस्ताव रखते हुए लेव वायगोत्स्की ने निम्नलिखित में से किस रूप में भाषा को अवधारणाबद्ध किया?
(1) भाषा का एक स्वतंत्र क्षेत्र है जो संज्ञान से संबंधित नहीं है।
(2) भाषा एक सांस्कृतिक उपकरण है जो संज्ञान को कई तरीकों से सुगम बनाती है।
(3) भाषा आत्मकेंद्रित भाषा का एक रूप है जिसका प्रयोग केवल बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है।
(4) भाषा संज्ञानात्मक क्षमताओं के विकास में बाधा डालती है।
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उत्तर : (2) भाषा एक सांस्कृतिक उपकरण है जो संज्ञान को कई तरीकों से सुगम बनाती है।
कारण: वायगोत्स्की के अनुसार, भाषा केवल संचार का एक साधन नहीं है, बल्कि यह सोचने, योजना बनाने और समस्या-समाधान करने के लिए एक शक्तिशाली संज्ञानात्मक उपकरण है। यह एक सांस्कृतिक उपकरण (cultural tool) है जिसे बच्चे अपने सामाजिक परिवेश से सीखते हैं और जिसका उपयोग वे अपनी सोच प्रक्रियाओं को व्यवस्थित और विनियमित करने के लिए करते हैं। उनकी प्रसिद्ध अवधारणा ‘निजी वाक्’ (private speech) इसका एक उदाहरण है। अन्य विकल्प वायगोत्स्की के सिद्धांत के विपरीत हैं; वे भाषा और संज्ञान के बीच संबंध को नकारते हैं या भाषा को बाधा मानते हैं।
कारण: वायगोत्स्की के अनुसार, भाषा केवल संचार का एक साधन नहीं है, बल्कि यह सोचने, योजना बनाने और समस्या-समाधान करने के लिए एक शक्तिशाली संज्ञानात्मक उपकरण है। यह एक सांस्कृतिक उपकरण (cultural tool) है जिसे बच्चे अपने सामाजिक परिवेश से सीखते हैं और जिसका उपयोग वे अपनी सोच प्रक्रियाओं को व्यवस्थित और विनियमित करने के लिए करते हैं। उनकी प्रसिद्ध अवधारणा ‘निजी वाक्’ (private speech) इसका एक उदाहरण है। अन्य विकल्प वायगोत्स्की के सिद्धांत के विपरीत हैं; वे भाषा और संज्ञान के बीच संबंध को नकारते हैं या भाषा को बाधा मानते हैं।