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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिएः
धूल के कारण प्रदूषण, प्रदूषण का एक अप्रत्याशित कारण भी है। आज के वर्तमान समय में मनुष्य के द्वारा प्रकृति के कार्यों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। जिसके कारण वातावरण में आँधी के द्वारा फेंकी जाने वाली धूल बढ़ती जा रही है। खनन, सड़क निर्माण, भवन-निर्माण जैसे कार्य भी इसके लिए उत्तरदायी हैं। हम भारत में थार मरुस्थल में उठने वाले धूल के तूफानों से परिचत हैं जो कि दिल्ली तक के दूरस्थ क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि यह भूमि के प्राकृतिक रूप में मनुष्य द्वारा किए जा रहे परिवर्तन जैसे कि चरागाहों को ज्यादा से ज्यादा मवेशियों के द्वारा चराकर नष्ट करने से हो रहा है।
वातावरण में धूल इकट्ठी करने में गंधक, सल्फर डाई ऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैसें भी सहायक होती हैं जो कि कारखानों की चिमनियों से लगातार निकल रही हैं। ये गैसें वनस्पतियों और अन्य जैविक तत्वों के सड़ने से भी पैदा होती हैं। भले ही ये गैसें कुछ ही घंटों में बिखर जाती हैं, लेकिन उतने ही समय में अमोनिया से क्रिया करके सल्फर डाई ऑक्साइड गैस अमोनियम सल्फाइड के सूक्ष्म कण पैदा करने में समर्थ हो जाती है। ये कण वातावरण में काफी लंबे समय तक तैरते रहते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि मनुष्य प्रकृति के मामले में हस्तक्षेप करके एक धूसरित भविष्य के निर्माण में सहायक हो रहा है।
धूल के कारण प्रदूषण, प्रदूषण का एक अप्रत्याशित कारण भी है। आज के वर्तमान समय में मनुष्य के द्वारा प्रकृति के कार्यों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। जिसके कारण वातावरण में आँधी के द्वारा फेंकी जाने वाली धूल बढ़ती जा रही है। खनन, सड़क निर्माण, भवन-निर्माण जैसे कार्य भी इसके लिए उत्तरदायी हैं। हम भारत में थार मरुस्थल में उठने वाले धूल के तूफानों से परिचत हैं जो कि दिल्ली तक के दूरस्थ क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि यह भूमि के प्राकृतिक रूप में मनुष्य द्वारा किए जा रहे परिवर्तन जैसे कि चरागाहों को ज्यादा से ज्यादा मवेशियों के द्वारा चराकर नष्ट करने से हो रहा है।
वातावरण में धूल इकट्ठी करने में गंधक, सल्फर डाई ऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैसें भी सहायक होती हैं जो कि कारखानों की चिमनियों से लगातार निकल रही हैं। ये गैसें वनस्पतियों और अन्य जैविक तत्वों के सड़ने से भी पैदा होती हैं। भले ही ये गैसें कुछ ही घंटों में बिखर जाती हैं, लेकिन उतने ही समय में अमोनिया से क्रिया करके सल्फर डाई ऑक्साइड गैस अमोनियम सल्फाइड के सूक्ष्म कण पैदा करने में समर्थ हो जाती है। ये कण वातावरण में काफी लंबे समय तक तैरते रहते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि मनुष्य प्रकृति के मामले में हस्तक्षेप करके एक धूसरित भविष्य के निर्माण में सहायक हो रहा है।
96. ‘‘धूल के कण वातावरण में लंबे समय तक तैरते हैं।’’ उपर्युक्त कारक का प्रकार है:
1. सरल
2. संयुक्त
3. मिश्र
4. जटिल
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Answer – (9) अर्थात इनमें से कोई नहीं।