पद्यांश पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
नीचे दिए गए पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
जब बहुत सुबह चिडियाँ उठकर,
कुछ गीत खुशी के गाती हैं।
कलियाँ दरवाजे खोल – खोल,
जब झुरमुट से मुसकाती हैं।
खुशबू की लहरें जब घर से,
बाहर आ दौड़ लगाती हैं!!
हे जग के सिरजनहार प्रभो!
तब याद तुम्हारी आती है!!
जब छम-छम बुँदें गिरती हैं,
बिजली चम-चम कर जाती है।
मैदानों में वन-बागों में,
जब हरियाली लहराती है।
जब ठंडी-ठंडी हवा कहीं से,
मस्ती ढोकर लाती है।
हे जग के सिरजनहार प्रभो।
तब याद तुम्हारी आती है!!
जब बहुत सुबह चिडियाँ उठकर,
कुछ गीत खुशी के गाती हैं।
कलियाँ दरवाजे खोल – खोल,
जब झुरमुट से मुसकाती हैं।
खुशबू की लहरें जब घर से,
बाहर आ दौड़ लगाती हैं!!
हे जग के सिरजनहार प्रभो!
तब याद तुम्हारी आती है!!
जब छम-छम बुँदें गिरती हैं,
बिजली चम-चम कर जाती है।
मैदानों में वन-बागों में,
जब हरियाली लहराती है।
जब ठंडी-ठंडी हवा कहीं से,
मस्ती ढोकर लाती है।
हे जग के सिरजनहार प्रभो।
तब याद तुम्हारी आती है!!
105. रचनाकार प्रकृति के सौन्दर्य को देखकर ________ है?
1. संतप्त
2. चमत्कृत
3. तृप्त
4. अभिशप्त
Click To Show Answer
Answer – (2)