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निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए I
हम दीवानों की क्या हस्ती
है आज यहाँ कल वहाँ चले।
मस्ती का आलम साथ चला
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।
आए बनकर उल्लास अभी
आँसू बनकर बह चले अभी।
सब कहते ही रह गए अरे
तुम कैसे आए कहाँ चले?
किस और चले? यह मत पूछो
चलना है बस इसलिए चले।
जग से उसका कुछ लिए चले
जग को कुछ अपना दिए चले।
हम दीवानों की क्या हस्ती
है आज यहाँ कल वहाँ चले।
मस्ती का आलम साथ चला
हम धूल उड़ाते जहाँ चले।
आए बनकर उल्लास अभी
आँसू बनकर बह चले अभी।
सब कहते ही रह गए अरे
तुम कैसे आए कहाँ चले?
किस और चले? यह मत पूछो
चलना है बस इसलिए चले।
जग से उसका कुछ लिए चले
जग को कुछ अपना दिए चले।
104. “चलना है बस इसलिए चले” पंक्ति में कवि का आशय है –
1. हमारे चलने का कोई लक्ष्य नहीं है।
2. हमारे चलने का कोई प्रयोजन नहीं है।
3. हमारा जीवन लक्ष्यहीन है।
4. चलना ही हमारे चलने का लक्ष्य है I
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Answer – (4)