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नीचे दिए गए पद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
मौको कहाँ ढूँढ़े रे बँदे,
मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल न मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौनो क्रिया-करम में, नाहि जोग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहै कबीर सुनो भाई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।
मौको कहाँ ढूँढ़े रे बँदे,
मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल न मैं मसजिद, ना काबे कैलास में।
ना तो कौनो क्रिया-करम में, नाहि जोग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतै मिलिहौं, पल भर की तालास में।
कहै कबीर सुनो भाई साधो, सब स्वाँसों की स्वाँस में।
104. ‘सब स्वाँसों की स्वाँस में।’ का आशय है –
1. ईश्वर सर्वव्यापी है।
2. सबको श्वास लेते रहना चाहिए।
3. ईश्वर श्वास में निवास करता है|
4. ईश्वर तीर्थाटन से मिलता है।
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Answer -(1)