137. द्रुतपठनेन किम् आशय: ?
1. अवबोधनार्थं शीर्षकपठनम्
2. उच्चस्वरेण पठनम्
3. सूचनार्थं पठनम्
4. अर्थज्ञानस्य कृते पठनम्
Click To Show Answer
Answer – (4)
द्रुतपठन के द्वारा अर्थज्ञान के पठन से आशय लिया गया है। द्रुत पठन जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि शीघ्रता से किया जाने वाला पठन। इसमें विषय वस्तु सरल व बोधगम्य होती है। उसका उद्देश्य छात्रों का मनोरंजन करना, अवकाश के क्षणों का सदुपयोग करना व सीखी हुई भाषा का अभ्यास करवाना है। जैसे-संस्कृत की कथाएं जो हितोपदेश व पञ्चतंत्र आदि में संगृहीत हैं तथा संस्कृत में निकलने वाली पत्रिकाएँ, जैसे-चन्दामामा, सम्भाषण, सन्देश आदि का द्रुतपठन करने के लिए छात्रों को प्रेरित करना चाहिए।
द्रुतपठन के द्वारा अर्थज्ञान के पठन से आशय लिया गया है। द्रुत पठन जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि शीघ्रता से किया जाने वाला पठन। इसमें विषय वस्तु सरल व बोधगम्य होती है। उसका उद्देश्य छात्रों का मनोरंजन करना, अवकाश के क्षणों का सदुपयोग करना व सीखी हुई भाषा का अभ्यास करवाना है। जैसे-संस्कृत की कथाएं जो हितोपदेश व पञ्चतंत्र आदि में संगृहीत हैं तथा संस्कृत में निकलने वाली पत्रिकाएँ, जैसे-चन्दामामा, सम्भाषण, सन्देश आदि का द्रुतपठन करने के लिए छात्रों को प्रेरित करना चाहिए।