Part – IV Sanskrit (Language II)
(Official Answer Key)
परीक्षा (Exam) – CTET Paper 2 Elementary Stage (Class VI to VIII)
भाग (Part) – Part – IV Language II Sanskrit (संस्कृत)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
परीक्षा तिथि (Exam Date) – 21st December 2021
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भारतवर्षे भ्रष्टाचारस्य अद्यापि महती समस्या विद्यते। वस्तुत: भ्रष्टाचारस्य बीज-वपनं तु आङ्ग्लप्रशासनान्तर्गतमेवासीत् । भ्रष्टाचारबलादेव ब्रिटिशसर्वकार: भारतवर्षे राज्यं कर्तुम् अशक्नोत् । परन्तु एषाशा आसीद् यद् स्वतन्त्रता प्राप्य भारतवर्षं भ्रष्टाचारमुक्तं राष्ट्रं भविष्यति। अहो बत, दुर्भाग्यमेतद् यत् स्वतन्त्रताप्राप्तेरनन्तरं भ्रष्टाचारोऽधिकतरोऽवर्धत। सर्वासु संस्थासु भ्रष्टाचारस्य प्राबल्यं वर्तते। उत्कोचं विना तु कस्यापि नियतमपि कार्यं न भवति।
ये खलु प्रशासने अधिकारिण: सन्ति ते उच्चै: शिक्षिता: सन्ति परन्तु तेषां व्यवहारे तु शिक्षाया: विपरीत: एव प्रभाव: सञ्जात:। एतन्मन्यते यत् शिक्षां प्राप्य जन: संस्कारयुक्तो भवति, आत्मनश्चाचारेणान्यान् शिक्षयति, आदर्शसमाजस्य च निर्माता भवति। परन्त्वेतदवलोक्यते यदुच्चशिक्षिता: एव जना: भ्रष्टाचारस्य नवीनान् उपायान् अन्विषन्ति मिथ्याचारेण च समाजं दूषयन्ति।
वास्तविकत:, जो सरकार में अधिकारी है वे उच्चशिक्षित है, किंतु उन के व्यवहार में तो शिक्षा का विपरीत ही प्रभाव हुआ है। यह मना जाता है, की शिक्षा प्राप्त कर आदमी संस्कार से पूर्ण होता है, अपने आचरण से दुसरोंं को सिखाता है. और आदर्श समाज का निर्माता बनता है। किंतु यह नजर आता है की, उच्चशिक्षित लोक ही भ्रष्टाचार के नये नये उपायोंं की खोज कर के और मिथ्या आचार से समाज को हानी पहुँँचाते है।
121. भारतवर्षे भ्रष्टाचारस्य बीजवपनं केन कृतम् ?
1. आङ्ग्लप्रशासनेन
2. शिक्षितै: जनै:
3. नेतृभि:
4. अधिकारिभि:
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भारतवर्ष में भ्रष्टाचार का बीजारोपण आङ्ग्ल प्रशासन (अंग्रेजी हुकूमत) के द्वारा एक सभ्य समाज का निर्माण किया गया। भारत वर्ष में भ्रष्टाचार की समस्या आज भी विद्यमान है जो उपर्युक्त गद्यांश के पठन से परिलक्षित होता है।