94. श्वसनमूल किसमें पाए जाते हैं?
(A) जलोद्भिद्
(B) मरूद्भिद्
(C) लवणोद्भिद्
(D) उपर्युक्त में से एक से अधिक
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Click To Show Answer
उत्तर : (D) उपर्युक्त में से एक से अधिक
कारण: श्वसनमूल (Pneumatophores) विशेष प्रकार की जड़ें होती हैं जो जमीन से ऊपर हवा में निकलती हैं ताकि ऑक्सीजन ग्रहण कर सकें। ये मुख्य रूप से उन पौधों में पाई जाती हैं जो दलदली, पानी से भरी या ऑक्सीजन की कमी वाली मिट्टी में उगते हैं।
(C) लवणोद्भिद् (Halophytes), जैसे मैंग्रोव, जो खारे दलदली क्षेत्रों में उगते हैं, श्वसनमूल का सबसे प्रमुख उदाहरण हैं।
(A) कुछ जलोद्भिद् (Hydrophytes) जो स्थिर या बहुत धीरे बहने वाले पानी में या दलदल में उगते हैं, उनमें भी ऑक्सीजन की कमी वाली परिस्थितियों के अनुकूलन के रूप में श्वसनमूल विकसित हो सकते हैं।
(B) मरूद्भिद् (Xerophytes) शुष्क परिस्थितियों में उगते हैं और उनमें श्वसनमूल नहीं पाए जाते।
चूंकि श्वसनमूल मुख्य रूप से लवणोद्भिद् और कुछ जलोद्भिद् में पाए जाते हैं, इसलिए उत्तर (D) उपर्युक्त में से एक से अधिक सही है।
कारण: श्वसनमूल (Pneumatophores) विशेष प्रकार की जड़ें होती हैं जो जमीन से ऊपर हवा में निकलती हैं ताकि ऑक्सीजन ग्रहण कर सकें। ये मुख्य रूप से उन पौधों में पाई जाती हैं जो दलदली, पानी से भरी या ऑक्सीजन की कमी वाली मिट्टी में उगते हैं।
(C) लवणोद्भिद् (Halophytes), जैसे मैंग्रोव, जो खारे दलदली क्षेत्रों में उगते हैं, श्वसनमूल का सबसे प्रमुख उदाहरण हैं।
(A) कुछ जलोद्भिद् (Hydrophytes) जो स्थिर या बहुत धीरे बहने वाले पानी में या दलदल में उगते हैं, उनमें भी ऑक्सीजन की कमी वाली परिस्थितियों के अनुकूलन के रूप में श्वसनमूल विकसित हो सकते हैं।
(B) मरूद्भिद् (Xerophytes) शुष्क परिस्थितियों में उगते हैं और उनमें श्वसनमूल नहीं पाए जाते।
चूंकि श्वसनमूल मुख्य रूप से लवणोद्भिद् और कुछ जलोद्भिद् में पाए जाते हैं, इसलिए उत्तर (D) उपर्युक्त में से एक से अधिक सही है।
Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120