137. मौनपठनविषये अधोलिखितेषु किं सत्यम् ?
1. मौनपठने विद्यार्थिभि: अपेक्ष्यते यत् ते ओष्ठसंचालनं विना निस्वनं पठेयु:
2. मौनपठने विद्यार्थिन: पठनक्रमे ओष्ठसंचालनं कर्तुं शक्नुयु:
3. मौनपठने कक्षायां कर्णेकथनं घटितं स्यात्
4. मौनपठने शिक्षकोऽपि मौनं भवेत्
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Answer -(1)
मौन पठन में विद्यार्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे बिना ओष्ठ संचालन किए अपने मन में पढ़ें। मौन वाचन/पठन के उद्देश्य– द्रुत गति से अभ्यास करना, छात्रों की बोध शक्ति का विकास करना, छात्रों में स्वाध्याय की आदत विकसित करना, छात्रों में सोच, मनन, तर्क करने की शक्ति बढ़ाना, भाषा लिपि सम्बन्धी नियमों का ज्ञान कराना आदि।
मौन पठन में विद्यार्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे बिना ओष्ठ संचालन किए अपने मन में पढ़ें। मौन वाचन/पठन के उद्देश्य– द्रुत गति से अभ्यास करना, छात्रों की बोध शक्ति का विकास करना, छात्रों में स्वाध्याय की आदत विकसित करना, छात्रों में सोच, मनन, तर्क करने की शक्ति बढ़ाना, भाषा लिपि सम्बन्धी नियमों का ज्ञान कराना आदि।