144. यदा स्वनिम: शब्दस्य उच्चारणम् अनुसृत्य स्वध्वनिं परिवर्तते, तदा अयं कथ्यते-
1. रूपिम: (Morpheme)
2. लेखिम: (Grapheme)
3. अक्षरम् (Syllable)
4. उपस्वन: (Allophone)
Click To Show Answer
Answer -(1)
जब स्वनिम शब्द के उच्चारण का अनुसरण करके अपनी ध्वनि को परिवर्तित करती है, तब यह ‘रूपिम’ कहा जाता है। भाषा विज्ञान की प्रत्येक शाखा अपने आसपास की अन्य शाखाओं से जुड़ी है। ‘स्वनिम’ से बड़ी इकाई ‘रूपिम’ है। रूपस्वनिमिकी के अन्तर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं का अध्ययन किया जाता है– (1) एक ही रूपिम के संरूपों के बीच स्वनिमिक (ध्वन्यात्मक) परिवर्तन या अन्तर का विवेचन करना। (2) किसी रूपिम के संरूपों के वितरण को समझना। (3) दो रूपिमों (मूल+मूल या मूल+बद्ध) के योग में होने वाले स्वनिमिक परिवर्तनों की व्याख्या करना।
जब स्वनिम शब्द के उच्चारण का अनुसरण करके अपनी ध्वनि को परिवर्तित करती है, तब यह ‘रूपिम’ कहा जाता है। भाषा विज्ञान की प्रत्येक शाखा अपने आसपास की अन्य शाखाओं से जुड़ी है। ‘स्वनिम’ से बड़ी इकाई ‘रूपिम’ है। रूपस्वनिमिकी के अन्तर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं का अध्ययन किया जाता है– (1) एक ही रूपिम के संरूपों के बीच स्वनिमिक (ध्वन्यात्मक) परिवर्तन या अन्तर का विवेचन करना। (2) किसी रूपिम के संरूपों के वितरण को समझना। (3) दो रूपिमों (मूल+मूल या मूल+बद्ध) के योग में होने वाले स्वनिमिक परिवर्तनों की व्याख्या करना।