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चिड़िया तू जो मगन, धरा मगन, गगन मगन
फैला ले पंख ज़रा, उड़ तो सही, बोली पवन।
अब जब हौंसले से, घोंसले से आई निकल
चल बड़ी दूर, बहुत दूर, जहां तेरे सजन।
वृक्ष की डाल देखें
जंगल-ताल दिखें
खेतों में झूम रही
धान की बाल दिखें
गाँव-देहात दिखें, रात दिखे, प्रात दिखे
खुल कर घूम यहाँ, यहाँ नहीं घर की घुटन
चिड़िया तू जो मगन….
105. ‘गगन’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है-
1. आसमान
2. आकाश
3. अनिल
4. अंबर Click To Show AnswerClick To Hide Answer