142. आयशामहोदया अवलोकयति यत् तस्या: विद्यार्थी रमेश: अपरिचितशब्दानामुपरि बहु अवधानं ददाति ये पठनकार्यप्रयोजनेन साक्षात् सम्बद्धा: न सन्ति, अत: रमेश: प्रदत्त-पठनकार्ये काठिन्यं अनुभवति। रमेशेन किं कर्तुं न शक्यते?
1. सन्दर्भागत-शब्दार्थस्य अवबोध:
2. सस्वरेण सुस्पष्टतया शब्दोच्चारणम्
3. प्रदत्तकार्यस्य लेखनम्
4. प्रदत्तकार्यस्य मूलविचार-कथनम्
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Answer -(1)
रमेश अपनी भाषा और परिवेश को प्रकट करता है किन्तु उसे विद्यालय में पढ़ाये जाने वाले विषय के प्रति कठिनाई का अनुभव हो रहा है। इसका यह तात्पर्य है उसे विद्यालय में पढ़ाये जाने वाले शब्दों का ठीक ढंग से अर्थबोध नहीं हो पा रहा है। अर्थ का बोध होना, किसी भी भाषा को सीखने की पहली प्राथमिकता है।
रमेश अपनी भाषा और परिवेश को प्रकट करता है किन्तु उसे विद्यालय में पढ़ाये जाने वाले विषय के प्रति कठिनाई का अनुभव हो रहा है। इसका यह तात्पर्य है उसे विद्यालय में पढ़ाये जाने वाले शब्दों का ठीक ढंग से अर्थबोध नहीं हो पा रहा है। अर्थ का बोध होना, किसी भी भाषा को सीखने की पहली प्राथमिकता है।