143. निम्नलिखितेषु क: प्रयोग:/कार्यम् ऊध्र्व-अध: (Topdown) श्रवणप्रक्रियां पोषयितुम् उद्दिशति ?
a. बहुविकल्पीया: प्रश्ना:
b. बहिर्निवेशनप्रश्ना:
c. श्रुतलेख:
d. सारांशनिर्माणम् (Creating abstract)
1. (c) तथा (d) अध:-ऊध्र्वं प्रक्रिये स्त:
2. (a) तथा (b) अध:-ऊध्र्वं प्रक्रिये स्त:
3. (b) तथा (d) अध:-ऊध्र्वं प्रक्रिये स्त:
4. (c) तथा (b) अध:-ऊध्र्वं प्रक्रिये स्त:
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Answer – (3)
ऊपर दिए गए विकल्पों में बहिर्निवेशनप्रश्न और सारांश निर्माण ऊध्र्वं-अध: श्रवणप्रक्रिया को उद्देशित करते हैं।
बहिर्निवेशन (Extrapalation)- यह नए आँकड़े सृजित करने की एक प्रक्रिया है इसमें प्रश्नों के माध्यम से नये आंकड़ों को एकत्रित करके उनका शिक्षण कार्य में प्रयोग किया जाता है।
सारांशनिर्माणम् (Creating abstract)- सारांश निर्माण की प्रक्रिया के निम्नलिखित चरण हैं- (1) मूल सामग्री का बोध, (2) मूलभाव की पहचान, (3) सम्बन्धित भावों की पहचान, (4) मूलभाव को स्पष्ट करने वाली व्याख्या, उदाहरण और दोहराव की पहचान, (5) मूलभाव को प्रभावी बनाने वाले तत्त्वों अर्थात् , कथाओं, अलज्ररों, प्रसिद्ध कथनों और रचनात्मक तथा व्यास शैली की पहचान। (6) मूलभाव को स्पष्ट करने के लिए विस्तार देने वाले वाक्यों को हटाते हुए सार लेखन।
ऊपर दिए गए विकल्पों में बहिर्निवेशनप्रश्न और सारांश निर्माण ऊध्र्वं-अध: श्रवणप्रक्रिया को उद्देशित करते हैं।
बहिर्निवेशन (Extrapalation)- यह नए आँकड़े सृजित करने की एक प्रक्रिया है इसमें प्रश्नों के माध्यम से नये आंकड़ों को एकत्रित करके उनका शिक्षण कार्य में प्रयोग किया जाता है।
सारांशनिर्माणम् (Creating abstract)- सारांश निर्माण की प्रक्रिया के निम्नलिखित चरण हैं- (1) मूल सामग्री का बोध, (2) मूलभाव की पहचान, (3) सम्बन्धित भावों की पहचान, (4) मूलभाव को स्पष्ट करने वाली व्याख्या, उदाहरण और दोहराव की पहचान, (5) मूलभाव को प्रभावी बनाने वाले तत्त्वों अर्थात् , कथाओं, अलज्ररों, प्रसिद्ध कथनों और रचनात्मक तथा व्यास शैली की पहचान। (6) मूलभाव को स्पष्ट करने के लिए विस्तार देने वाले वाक्यों को हटाते हुए सार लेखन।